Republic Day Special Songs 2024: हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन पूरे देश में संविधान लागू किया गया है, 26 जनवरी का दिन हर भारतीय के लिए बेहद खास होता है पूरे देश में हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाता है.
Republic Day Special Songs 2024
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1. ऐ मेरे वतन के लोगों
2. वंदे मातरम
3. सारे जहान से अच्छा
4. ऐ मेरे प्यारे वतन
5. ऐ वतन ऐ वतन
6. मेरा रंग दे बसंती चोला
7. छोड़ो कल की बातें
8. मां तुझे सलाम
9. फिर भी दिल है हिंदुस्तानी
10. मेरे देश की धरती
ऐ मेरे वतन के लोगों
ऐ मेरे वतन के लोगों
तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सब का
लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर
वीरों ने है प्राण गँवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो
जो लौट के घर न आए
ऐ मेरे वतन के लोगों
ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी
जब घायल हुआ हिमालय
खतरे में पड़ी आज़ादी
जब तक थी साँस लड़े वो
फिर अपनी लाश बिछा दी
संगीन पे धर कर माथा
सो गए अमर बलिदानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी
जब देश में थी दिवाली
वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में
वो झेल रहे थे गोली
थे धन्य जवान वो अपने
थी धन्य वो उनकी जवानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी
कोई सिख कोई जाट मराठा
कोई गुरखा कोई मदरासी
सरहद पे मरने वाला
हर वीर था भारतवासी
जो ख़ून गिरा पर्वत पर
वो ख़ून था हिन्दुस्तानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी
थी ख़ून से लथ-पथ काया
फिर भी बन्दूक उठाके
दस-दस को एक ने मारा
फिर गिर गए होश गँवा के
जब अंत-समय आया तो
कह गए के अब मरते हैं
खुश रहना देश के प्यारों
अब हम तो सफर करते हैं
क्या लोग थे वो दीवाने
क्या लोग थे वो अभिमानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी
तुम भूल न जाओ उनको
इस लिए कही ये कहानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी
जय हिंद जय हिंद की सेना
जय हिंद जय हिंद की सेना
जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद
वंदे मातरम
वन्दे मातरम्
सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्
शस्यशामलां मातरम् ।
शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीं
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीं
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीं
सुखदां वरदां मातरम् ।। १ ।।
वन्दे मातरम् ।
कोटि-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले
कोटि-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले,
अबला केन मा एत बले ।
बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं
रिपुदलवारिणीं मातरम् ।। २ ।।
वन्दे मातरम् ।
तुमि विद्या, तुमि धर्म
तुमि हृदि, तुमि मर्म
त्वं हि प्राणा: शरीरे
बाहुते तुमि मा शक्ति,
हृदये तुमि मा भक्ति,
तोमारई प्रतिमा गडि
मन्दिरे-मन्दिरे मातरम् ।। ३ ।।
वन्दे मातरम् ।
त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी
कमला कमलदलविहारिणी
वाणी विद्यादायिनी, नमामि त्वाम्
नमामि कमलां अमलां अतुलां
सुजलां सुफलां मातरम् ।। ४ ।।
वन्दे मातरम् ।
श्यामलां सरलां सुस्मितां भूषितां
धरणीं भरणीं मातरम् ।। ५ ।।वन्दे मातरम् ।।
सारे जहान से अच्छा
सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा
हम बुलबुले हैं इसकी, वो गुलसितां हमारा
गुरबत में हों अगर हम, रहता है दिल वतन में
समझो वहीं हमें भी, दिल हो जहाँ हमारा, सारे …
पर्वत हो सबसे ऊँचा, हमसाया आसमाँ का
वो संतरी हमारा, वो पासवां हमारा, सारे …
गोदी में खेलती हैं, जिसकी हज़ारों नदियां
गुलशन है जिसके दम से, रश्क-ए-जिनां हमारा
सारे …
ऐ आब-ए-रौंद-ए-गंगा! वो दिन है याद तुझको
उतरा तेरे किनारे, जब कारवां हमारा, सारे …
मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना
हिन्दी हैं हम वतन हैं, हिन्दोस्तां हमारा, सारे …
यूनान, मिस्र, रोमां, सब मिट गए जहाँ से
अब तक मगर है बाकी, नाम-ओ-निशां हमारा,
सारे …
कुछ बात है की हस्ती, मिटती नहीं हमारी
सदियों रहा है दुश्मन, दौर-ए-जहाँ हमारा, सारे …
‘इक़बाल’ कोई मरहूम, अपना नहीं जहाँ में
मालूम क्या किसी को, दर्द-ए-निहां हमारा, सारे …
ऐ मेरे प्यारे वतन
ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन
तुझ पे दिल क़ुरबान
तू ही मेरी आरज़ू, तू ही मेरी आबरू
तू ही मेरी जान
(तेरे दामन से जो आए उन हवाओं को सलाम
चूम लूँ मैं उस ज़ुबाँ को जिसपे आए तेरा नाम ) – २
सबसे प्यारी सुबह तेरी
सबसे रंगीं तेरी शाम
तुझ पे दिल क़ुरबान …
(माँ का दिल बनके कभी सीने से लग जाता है तू
और कभी नन्हीं सी बेटी बन के याद आता है तू ) – २
जितना याद आता है मुझको
उतना तड़पाता है तू
तुझ पे दिल क़ुरबान …
(छोड़ कर तेरी ज़मीं को दूर आ पहुंचे हैं हम
फिर भी है ये ही तमन्ना तेरे ज़र्रों की क़सम ) – २
हम जहाँ पैदा हुए
उस जगह पे ही निकले दम
तुझ पे दिल क़ुरबान …
ऐ वतन ऐ वतन
ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी क़सम,
तेरी राहों में जां तक लुटा जायेंगे ।
फूल क्या चीज़ है तेरे कदमों पे हम,
भेंट अपने सरों की चढ़ा जायेंगे ।।
ऐ वतन ऐ वतन ।।
कोई पंजाब से कोई महाराष्ट्र से,
कोई यूपी से है कोई बंगाल से ।
तेरी पूजा की थाली में लाये हैं हम,
फूल हर रंग के आज हर डाल से ।।
नाम कुछ भी सही पर लगन एक है,
जोत से जोत दिल की जगा जायेंगे ।
ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी क़सम,
तेरी राहों में जां तक लुटा जायेंगे ।।
ऐ वतन ऐ वतन ।।
तेरी जानिब उठी जो कहर की नज़र,
उस नज़र को झुक, के ही दम लेंगे हम ।
तेरी धरती पे है जो कदम ग़ैर का,
उस कदम का निशां तक मिटा देंगे हम ।।
जो भी दीवार आयेगी अब सामने,
ठोकरों से उसे हम गिरा जायेंगे ।
ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी क़सम,
तेरी राहों में जां तक लुटा जायेंगे ।।
ऐ वतन ऐ वतन ।।
ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी क़सम,
तेरी राहों में जां तक लुटा जायेंगे ।
फूल क्या चीज़ है तेरे कदमों पे हम,
भेंट अपने सरों की चढ़ा जायेंगे ।।
ऐ वतन ऐ वतन ।।
मेरा रंग दे बसंती चोला
मेरा रंग दे…
मेरा रंग दे बसंती चोला माए रंग दे ।
मेरा रंग दे बसंती चोला माए रंग दे ।।
निकले हैं वीर जिया ले,
यूं अपना सीना ताने,
हस हँस के जान लुटाने,
आज़ाद सवेरा लाने ।
मर के कैसे जीते हैं,
इस दुनिया को बतलाने,
तेरे लाल चले हैं माए,
अब तेरी लाज बचाने ।।
आज़ादी का शोला,
बन के खून रगों में डोला ।।
मेरा रंग दे…
मेरा रंग दे बसंती चोला माये रंग दे ।
मेरा रंग दे बसंती चोला माये रंग दे ।।
दिन आज तो बड़ा सुहाना,
मौसम भी बड़ा सुनहरा ।
हम सर पे बाँध के आये,
बलिदानों का ये सेहरा ।।
बेताब हमारे दिल में,
इक मस्ती सी छायी है,
ऐ देश अलविदा तुझको,
कहने की घडी आई है ।
महकेंगे तेरी फिज़ा में हम,
बन के हवा का झोंका,
किस्मत वालों को मिलता,
ऐसे मरने का मौका ।
निकली है बरात,
सजा है इंक़लाब का डोला ।।
मेरा रंग दे
मेरा रंग दे बसंती चोला माये रंग दे ।
मेरा रंग दे बसंती चोला माये रंग दे ।।
मेरा रंग दे बसंती चोला रंग दे, रंग दे ।
रंग दे बसंती चोला माये रंग दे ।।
छोड़ो कल की बातें
छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी
नए दौर में लिखेंगे, मिल कर नई कहानी
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी
आज पुरानी ज़ंजीरों को तोड़ चुके हैं
क्या देखें उस मंज़िल को जो छोड़ चुके हैं
चाँद के दर पर जा पहुंचा है आज ज़माना
नए जगत से हम भी नाता जोड़ चुके हैं
नया खून है नई उमंगें, अब है नई जवानी
हम हिन्दुस्तानी …
हमको कितने ताजमहल हैं और बनाने
कितने हैं अजंता हम को और सजाने
अभी पलटना है रुख कितने दरियाओं का
कितने पवर्त राहों से हैं आज हटाने
नया खून है नई उमंगें, अब है नई जवानी
हम हिन्दुस्तानी …
आओ मेहनत को अपना ईमान बनायें
अपने हाथों को अपना भगवान बनायें
राम की इस धरती को गौतम की भूमी को
सपनों से भी प्यारा हिंदुस्तान बनायें
नया खून है नई उमंगें, अब है नई जवानी
हम हिन्दुस्तानी …
हर ज़र्रा है मोती आँख उठाकर देखो
माटी में सोना है हाथ बढ़ाकर देखो
सोने की ये गंगा है चांदी की यमुना
चाहो तो पत्थर से धान उगाकर देखो
नया खून है नई उमंगें, अब है नई जवानी
हम हिन्दुस्तानी …
मां तुझे सलाम
माँ तुझे सलाम,
वन्दे मातरम, वन्दे मातरम,
वन्दे मातरम वन्दे मातरम।।
यहाँ वहाँ सारा जहाँ देख लिया है,
कहीं भी तेरे जैसा कोई नहीं है,
अस्सी नहीं सौ दिन दुनिया घूमा है,
नहीं कहीं तेरे जैसा कोई नहीं,
मैं गया जहाँ भी,
बस तेरी याद थी,
जो मेरे साथ थी,
मुझको तड़पाती, रुलाती,
सबसे प्यारी तेरी सूरत,
प्यार है बस तेरा प्यार ही,
माँ तुझे सलाम,
वन्दे मातरम, वन्दे मातरम,
वन्दे मातरम वन्दे मातरम।।
तेरे पास ही मैं आ रहा हूँ,
अपनी बाहें खोल दे,
ज़ोर से मुझको गले लगा ले,
मुझको फिर वो प्यार दे,
तू ही जिंदगी है,
तू ही मेरी मोहब्बत है,
तेरे ही पैरों में जन्नत है,
तू ही दिल तू जा माँ,
माँ तुझे सलाम,
वन्दे मातरम, वन्दे मातरम,
वन्दे मातरम वन्दे मातरम।।
फिर भी दिल है हिंदुस्तानी
अपनी छतरी तुमको दे दे
कभी जो बरसे पानी
कभी नये पैकेट में बेचें
तुमको चीज़ पुरानी
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी।
थोड़े अनाड़ी है, थोड़े खिलाड़ी
रुक-रुक के चलती है, अपनी गाड़ी
हमें प्यार चाहिए, और कुछ पैसे भी
हम ऐसे भी हैं, हम हैं वैसे भी
हम लोगो को समझ सको तो
समझो दिलबर जानी
उलटी-सीधी जैसी भी है
अपनी यही कहानी
थोड़ी हम में होशियारी है, थोड़ी है नादानी
थोड़ी हम में सच्चाई है, थोड़ी बेईमानी
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी
आँखों में कुछ आँसू हैं, कुछ सपनें हैं
आँसू और सपने दोनों, ही अपने हैं
दिल दुखा है लेकिन, टूटा तो नहीं है
उम्मीद का दामन, छूटा तो नहीं है
हम लोगो को समझ सको तो
समझो दिलबर जानी
थोड़ी मजबूरी है लेकिन
थोड़ी है मनमानी
थोड़ी तू-तू मैं-मैं है और
थोड़ी खींचा-तानी
हम में काफ़ी बातें हैं जो
लगती हैं दीवानी
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी
हम लोगों को समझ सको तो
समझो दिलबर जानी
जितना भी तुम समझोगे
उतनी होगी हैरानी
अपनी छतरी तुमको दे दे
कभी जो बरसे पानी
कभी नये पैकेट में बेचें
तुमको चीज़ पुरानी
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी
मेरे देश की धरती
मेरे देश की धरती सोना उगले,
उगले हीरे मोती,
मेरे देश की धरती।।
बैलों के गले में जब घुँघरू,
जीवन का राग सुनाते हैं,
ग़म कोस दूर हो जाते है,
खुशियों के कमल मुस्काते हैं,
सुन के रहट की आवाज़ें,
यूँ लगे कहीं शहनाई बजे,
आते ही मस्त बहारों के,
दुल्हन की तरह हर खेत सजे।
मेरे देश की धरती सोना उगले,
उगले हीरे मोती,
मेरे देश की धरती।।
जब चलते हैं इस धरती पर हल,
ममता अँगड़ाइयाँ लेती है,
क्यों ना पूजें इस माटी को,
जो जीवन का सुख देती है,
इस धरती पे जिसने जन्म लिया,
उसने ही पाया प्यार तेरा,
यहाँ अपना पराया कोई नही,
हैं सब पे है माँ उपकार तेरा।
मेरे देश की धरती सोना उगले,
उगले हीरे मोती,
मेरे देश की धरती।।
ये बाग़ हैं गौतम नानक का,
खिलते हैं अमन के फूल यहाँ,
गांधी सुभाष टैगोर तिलक,
ऐसे हैं चमन के फूल यहाँ,
रंग हरा हरिसिंह नलवे से,
रंग लाल है लाल बहादुर से,
रंग बना बसंती भगतसिंह,
रंग अमन का वीर जवाहर से।
मेरे देश की धरती सोना उगले,
उगले हीरे मोती,
मेरे देश की धरती।।